जौनपुर के जलालपुर थाना क्षेत्र के नहोरा, पनियरिया गांव की अनुसूचित जाति की महिला रीना देवी ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाते हुए गांव के ही प्रमोद चौबे पुत्र जयशंकर चौबे निवासी नहोरा दमड़फ़ोट पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रमोद चौबे बस्ती में आया जाया करता था। तथा आते-जाते प्रार्थिनी को देखता तथा तरह-तरह के इशारे कर प्रार्थिनी को अपनी ओर आकर्षित करता। प्रमोद कई बार प्रार्थिनी को बहला-फुंसलाकर अच्छी-अच्छी बाते कर घुमाने-फिराने ले गया तथा अपनी ओर आकर्षित कर अपनी बातों में फँसा लिया। सन् 2006 में प्रार्थिनी को बहला- बहला-फुसलाकर अपने साथ मुम्बई ले गया तथा शादी का झांसा देकर प्रार्थिनी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाया ।और सम्बन्ध बनाते समय कैमरा से न जाने कब और कैसे फोटो खींच लिया। प्रार्थिनी जब भी घर जाने को कहती फोटो दिखाकर प्रार्थिनी का उत्पीड़न करता और धमकी देता कि तुम्हारी फोटो अखबार में छपवा दूँगा।महिला ने आरोप लगाया कि बेबश होकर उसके कहने पर जैसे-तैसे डरवश पडी रही। इस बीच शारीरिक सम्बन्ध बनाने पर प्रार्थिनी कई बार गर्भवती हुई तो प्रमोद मुझे कोई दवा लाकर खिलाया, जिससे मेरा गर्भपात हो गया। धीरे-धीरे कई साल बीतने पर प्रमोद मुझसे भगवान को साक्षी मानकर न जाने किस मन्दिर में ले जाकर शादी किये तथा शारीरिक सम्बन्ध से एक लड़का आयुष पैदा हुआ। जब घर जाने माता-पिता से मिलने की जिद करती कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देते तथा स्थिति सामान्य होने पर चलने को कहते थे। सन् 2018 में घर चलने के लिए जिद की तो प्रमोद अपने लड़के आयुष को घुमाने के बहाने न जाने कहा ले जाकर छिपा दिया/निरूद्ध कर दिया। प्रमोद के लौटने पर आयुष के बारे में पूछा तो धमकाते हुए कहा कि आयुष अब तुम्हारे साथ नही रहेगा और अगर कहीं भागने या किसी और को कुछ बताने की कोशिश की तो आयुष को जीवित नही पाओगी। आयुष की हत्या की धमकी से डर व घबरा गई तथा प्रमोद के कहने पर अपने आप को सज-धज कर लोगो के सामने परोसती रही तथा प्रमोद को देह व्यापार में पैसे के लिए लिप्त कर दिया। तथा लोगो से सारा पैसा लेकर मेरा सौदा कर कभी होटल में कभी किसी के घर पर भेजता रहा, मैं गिड़गिड़ाती रही, लेकिन मेरी एक नहीं सुनता। आये दिन बेटे आयुष की हत्या की धमकी देता रहता। कभी-कभार बेटे आयुष को दूर से दिखाता और यह धमकी देता कि यदि किसी प्रकार का शोर-शराबा करोगी तो बच्चे को जिन्दा नही पाओगी। धीरे-धीरे समय इसी तरह बीतता गया। 20 जून को रात करीब 10 बजे प्रमोद मुझे आयुष से मिलाने एक अज्ञात स्थान पर ले गया। वही पर अचानक कुछ लोग आये प्रमोद से पैसे को लेकर कुछ विवाद करने लगे। प्रमोद का ध्यान मेरे व बच्चे की तरफ से हटने पर उसी का फायदा उठाकर मैं बेटे आयुष को लेकर छिपते-छिपाते कुछ दूर तक आयी और आटो रिक्शा पकड़कर स्टेशन के कुछ दूर पर आटो रिक्शा छोड़कर स्टेशन से थोड़ी दूर एक जगह रूकी रही ।तथा जौनपुर आने वाली ट्रेन से किसी तरह छिपते-छिपाते रात में ही निकल गयी। दूसरे दिन रात में ही जंघई स्टेशन पर उतर गयी। भोर में ही ट्रेन पकड़कर जौनपुर स्टेशन पर आयी। लोक-लाज के डर से घर नहोरा नही गयी। उसी समय थाना जलालपुर पहुँचकर सारी बात बतायी। थाने की पुलिस की बातो का विश्वास नहीं किया, न ही मुकदमा लिखा गया। प्रार्थिनी कई बार थाने पर गयी लेकिन कोई सुनवाई नही हुई और न ही प्रमोद से ही पूछताछ किया गया। थाना प्रभारी जलालपुर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वह दो महीना पहले हमारे यहां आई थी और उसने बताया कि हम लाइन बाजार में कमरा लेकर रहते थे वहीं सारी घटना मेरे साथ हुई तो हमने उसे कहा की घटनास्थल लाइन बाजार है वहां जाकर मुकदमा लिखा दो उसके बाद से वह हमारे यहां कभी नहीं आई।

Posted inजौनपुर